Wednesday, 13 January 2021

मेरी गोदी का लाल

आज तू बडा हो गया
मेरी गोदी का लाल
तू कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया
मैं तो वही हूँ पहले जैसी
तू बस बदल गया
मैं तो माँ हूँ
बदलना मेरा स्वभाव नहीं
ममता हमेशा साथ रहती है
छोड़ना उसकी फितरत नहीं
तू तो अब भी मेरा जहां है
तेरी दुनिया बदल गई
मेरी दृष्टि में
तू तो अब तक वही नटखट - नादान है
तेरी दृष्टि में माँ की परिभाषा बदल गई
तुझसे ही मेरी दुनिया शुरू
तू किसी और की दुनिया हो गया
तू ही मेरी आशा - आंकाक्षा
सब पर पानी फेर गया
बरसों का प्यार खत्म कर
किसी और के प्यार में खो गया
जिस घर का तू था चिराग
उसी घर को अंधेरा दे गया
तुझसे जो घर लगता था भरा - पूरा
आज उसे विरान कर गया
यह घर आज भी तेरा है
यह माॅ आज भी तेरी है
वह ममता - प्यार आज भी वैसी ही है
वह इंतजार आज भी है
बस तू पहले वाला नहीं रहा
इतना कैसे बदल गया
नयी दुनिया जरूर बसा ली
पुरानी दुनिया को कैसे छोड़ दिया
अपनों से नाता तोड़ लिया
किसी दूसरे की खुशी के लिए
अपनों को छोड़ दिया
अपनों को पराया और परायो को अपना बना लिया
क्या कमी रह गई हमारे प्यार में
हमारी परवरिश में
जिसका तूने यह सिला दिया
तेरी खुशी हमारी खुशी
पर तू तो हमारी खुशियाँ भी अपने साथ ले गया
तुझे देख हम जिंदा थे
तूने हमें देखना तक गंवारा नहीं
अपनी कमाई तुझ पर लुटाई
तू हमारा हिसाब कर रहा
पाई - पाई का खर्चा जोड़ रहा
जो घर बनाया था खून - पसीने से
उसी घर से बेघर करने की सोच रहा
मृत्यु के बाद पानी क्या देगा
जीते - जी जब न  दे पाया
आज तू बडा हो गया
मेरी गोदी का लाल
तू कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया

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