जीवन कितना भी कठिन हो
तब भी मैं जीना चाहती हूँ
क्योंकि इससे प्यारा भी मुझे कुछ नहीं
जब तक जीवन तब तक मैं
उसके बाद का किसे पता ??
जो कुछ हासिल करना है
यहीं करना है
जब जीओगे तभी तो कुछ करोंगे
अन्यथा बाद का किसने देखा है
लोग तुम्हें याद करते हैं या नहीं
बाद में करेंगे या नहीं
उस बाद के पहले आज की सोचो
आज आप कैसे हैं
आपका संबंध लोगों से कैसा है
लोगों के काम आप आ रहे हैं या नहीं
आपकी जरूरत है या नहीं
किसी के लिए न सही
अपने लिए
अपनों के लिए
बहुत मुश्किल से मिला है यह जीवन
लोगों की तपस्या है
न जाने कितनों का योगदान हैं
संवारने और बनाने में
तब आपको अकेले यह निर्णय का भी अधिकार नहीं
जीना तो पडेगा ही
कुछ जिम्मेदारी बनती है
तब आप जीए
खुशी से जीना सिखिए
क्या ले जाना है
सब यही रह जाना है
पर जाने के समय
विदा की बेला तक
यह तो कह सकें
मैंने अपना जीवन जीया है
भागा नहीं हूँ
न डरा और घबराया हूँ
मैं कमजोर शख्स नहीं
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