होली हो ली
जो हो गया वह हो गया
वह आपसे हुआ
दूसरों से हुआ
हो तो गया
गलत या सही
वापस तो नहीं
यही तो करना है
सब छोड़ देना है
होलिका मे सब स्वाहा
तभी जीवन में रंग खिलेगे
नए-नए रंगों से सामना होगा
पुराना तो पुराना हो चुका
साल बीत गए
अब कितना सालोंगे स्वयं को
कितना उसी अग्नि में जलोगे
हो ली तो हो ली
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