जिंदगी जंग है
फिर भी उमंग है
जन्म और मृत्यु
यह इसके अंग हैं
क्षण भर में
कुछ भी हो सकता है
फिर भी सोचना नहीं छूटता
आज का ठिकाना नहीं
भविष्य की योजना बनाता
हर शख्स यहाँ परेशान है
विवश है फिर भी विश्वास है
आज नहीं तो कल
सब कुछ ठीक हो जाएगा
समय एक सा नहीं रहता
दशा और दिशा
दोनों बदलते हैं
जो कभी जमीन पर
वह आसमान पर होता है
अपनी-अपनी सबकी लडाई
अपना अपना सबका जंग
जो जीता वह जीता
जो हारा वह हारा
फिर भी ठहरा रहा
युद्ध छोड़ भागा नहीं
जो भागा वह योद्धा नहीं
जंग तो है ही
हारने वाला भी जीतने वाला भी
योद्धा तो कहलाता ही है
तब जम कर जंग लडे
जो होगा वह होगा
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