हम तो गए थे गाँव
बडा प्यारा लगा
हरियाली से हरा भरा
पेड ही पेड
पौधे ही पौधे
खेत ही खेत
जामुन - आम की भरमार
सस्ती सस्ती सब्जियां
शुद्ध हवा
घर के बाहर मैदान
एक- दूसरे के घर आना जाना
सब अच्छा
फिर भी शहर लगता मुझे प्यारा
यह कुछ दिनों की बात थी
यहाँ तो हमेशा रहना है
जब जेब खाली हो
रोजी रोटी न हो
तब हवा तो पीकर नहीं रह सकते
शहर की हवा भाती है
भले वह तमाम तरह की गंध लेकर चलती है
भले ही सब मंहगा हो
खरिद कर खाना हो
डब्बे जैसे घर में बंद रहना हो
तब भी गाँव की तुलना करूँ
तो मेरा शहर भारी है
यहाँ खुला आसमान भले न हो
सर पर छत है
यही बहुत है
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