कुछ को दर्द देकर भी दर्द नहीं
कुछ बिना दिए भी दर्द में
यह दोनों प्राणी इसी जग के
कोई दुख देकर सुखी
कोई बिना दुख दिए भी दुखी
यह अपनी अपनी फितरत है
दिल दुखाकर मजा लेना
पता नहीं कैसे
ऐसे लोग खुश रहते हैं
दिल है या पत्थर
पत्थर भी पसीजता है
पर ये तो नहीं
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