आज उसका जन्मदिन था
यह बात बस उसे ही याद थी
और सब तो भूल गए थे
वैसे भी उस जमाने में मध्यमवर्गीय परिवार में कहाँ यह सब
यह तो नए जमाने की बात
नई पीढ़ी की बात
आज तो हर कोई मनाता है
बच्चा, युवा या बुजुर्ग
वह हमेशा बच्चों के जन्मदिन की तैयारी करती
पकवान बनाती
केक मंगाती
नए कपड़े दिलवाती
अब सब बडे हो गए
अपने दोस्तों के साथ बाहर
पति देव का ऑफिस में
पर उसका ??
कभी-कभी उसका भी मन होता
कोई उसका भी मनाए
उसे भी थोडा महत्व दे
तब न सही अब सही
कहें किससे
सब हंसेगे
आज तक नहीं तो यह क्या नया फितूर
मन ही मन हंस पडी
नहीं आज तो वह अपना जन्मदिन स्वयं मनाएंगी
घर सजाएगी
पकवान बनाएंगी
नई साडी पहनेगी
संज संवर कर केक काटेगी
हैपी बर्थडे टू मी कहेंगी
स्वयं ही ताली बजाएगी
खुश होगी
जो सबको खुश रख सकता है
उसे भी तो खुश रहने का अधिकार
शामिल हो तो ठीक
नहीं तो कोई बात नहीं
हम किसी से कहाँ हैं कम
Happy birthday to Me
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