तू खेल ले जिंदगी
जी भर कर
पूरा जोर लगाकर
देखते हैं
कौन जीतता है
हम भी तो कच्चे खिलाड़ी नहीं है
ऑख - मिचौनी करती रहती है
डराती रहती है
हम भी तो हार नहीं मानते
तू डाल - डाल तो हम पात पात
तेरे हर दांव को चित्त कर देते हैं
तू आगे - आगे
हम पीछे- पीछे
लडखडाएगे
गिरेंगे
फिर धूल झाड़कर उठ खडे होगे
एक समय ऐसा भी आएगा
हम आगे निकल जाएंगे
इस दौड में सबको पीछे छोड़ जाएंगे
यह भी तेरी ही देन होगी
भट्टी में तप कर ही खरा सोना बनता है
हीरा को भी तो घीसना पडता है
तब जीने के लिए भी बहुत कुछ करना पडता है ।
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