दीपावली आ रही है
दस्तक दे चुकी है
तैयारी शुरू
रंग रोगन , साफ सफाई
खरिदारी इत्यादि
केवल हमारे घर ही दीप जले
हमारे घर ही खुशी हो
नहीं
सबका मुंह मीठा हो
फुलझड़िया और अनार जले
तोरण - बंदनवार लगे
कंदिल जगमगाएँ
सही है न
हम तभी खुश होंगे
जब सब खुश होंगे
हमारे अडोसी - पडोसी
हर देशवासी
तब स्वदेशी अपनाए
अपने देश का दीया
अपने देश का सामान
अपने देश की लाईट की लडी
जो जगमगाएँ तब लगे देश जगमगाएँ
विदेशी सामान के लोभ में
थोडा सा सस्ता होने के कारण
यह सोचे
यह सस्ता कितना मंहगा पड रहा है
हमारी अर्थव्यवस्था को बढाना है
अपने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है
तब सबकी भागीदारी हो
आप भी दे
अपने घर में ही नहीं सबके घर दीया जले
जश्न मने
दीवाली एक की नहीं सबकी है
सबका योगदान जरूरी है
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