समझौता और झुकना
यह दोनों के अलग-अलग मायने
हम कभी-कभी अपने रिश्तों को बचाने के लिए
कभी-कभी किसी और कारण से
यह अक्सर होता है
समाज में
परिवार में
रिश्तेदारों में
दोस्तों में
लेकिन कभी-कभी लोग इसका अलग मतलब लगा लेते हैं
टेक फाॅर ग्रान्टेड लेने लगते हैं
हमने जवाब नहीं दिया
तुम्हारे हाॅ में हाॅ मिला दी
तर्क - वितर्क नहीं किया
तुम्हारे कुछ व्यवहार को सहन किया
इसका यह मतलब नहीं
हम तुम्हारे सामने झुक गए
मनुष्य गलतियों का पुतला है
यह बात तो सभी को पता है
न तुम परिपूर्ण न हम परिपूर्ण
क्योंकि हम ईश्वर नहीं हैं
किसी की ज्यादतियों को सहन करना
इसका मतलब वह संबंध निभाना चाहता है
तब अपने ऊपर भी नियंत्रण रखा जाय
मजाक करते समय
ताना मारते हुए
नीचा दिखाते हुए
अपने को सर्वोपरि सिद्ध करते हुए
तब तो यह गलत होगा
जो व्यवहार आप अपने लिए चाहते हैं
वहीं दूसरों से करिए
अमीरी-गरीबी
शान - शौकत
नाम - सम्मान
बुद्धिमानी
सब दरकिनार कर एक सामान्य व्यक्ति बन कर रहें
यह याद रहें
कोई गुलाम नहीं है किसी का
प्रेम के बदले प्रेम
आदर के बदले आदर
अन्यथा किसी को दूर जाते हुए देर नहीं लगेगी
मुर्गा अगर बांग न दे तब भी सुबह तो होगी ही
समझौता हम भले कर लें
झुकना हमारी फितरत में नहीं
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