Monday, 25 October 2021

किसी की बगिया का फूल

वह छोटा सा मासूम
किसी की बगिया का फूल
देखा मैंने
सडक पर घूम - घूम कर
फूल बेचते हुए
अभी तो है नन्हा सा
किसी के कलेजे का टुकड़ा
वह दर बदर भटक रहा
अपने और अपने परिवार की पेट की भूख मिटाने
कुछ मिल जाएं
माँ के हाथ में रख दू
इतनी समझदारी कहाँ से आ गई
उसे तो स्वयं ही मुस्कराने की जरूरत
खिलखिलाने की जरूरत
जिद करने की जरूरत
अपनी मांग मनवाने की जरूरत
माँ के हाथ से खाना खाने की जरूरत
वही इस तरह दूसरों की जरूरत पूर्ण कर रहा
रोड पर घूम  फूल बेच रहा
समय से पहले ही वह बडा हो गया
खिलने से पहले ही वह मुरझा गया
उसकी हंसी न जाने कहाँ गुम हो गई
इस फूल को बेचते- बेचते यह फूल भी दुनियादारी समझ गया
किसी की बगिया का फूल समय से पहले बडा हो गया

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