अंधेरा घनेरा है
मुसीबतों ने घेरा है
सब कुछ हालातों का मारा है
जहाँ देखो अंधेरा ही अंधेरा
नहीं दिखती रोशनी की किरण
जीना हुआ दुश्वार
क्या करें कैसे करें
नहीं कुछ समझ आता
ऐसे में कौन राह दिखाए
जीवन पथ पर प्रकाश दिखाए
रोशनी जरूरी है
भले ही वह दूर से दिखती हो
झिलमिलाती हो
पर आशा तो जगाती है
आज दूर तो कल पास
अंधेरा खत्म हो किस तरह
अंधेरा किसी को नहीं भाता है
प्रकाश का महत्व तब समझता है
जब अंधेरे का साम्राज्य हो
हर सुबह का इंतजार
नई किरण का इंतजार
प्रकाश का इंतजार
प्रकाश से ही तो जीवन है ।
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