दीपावली की रात को सब इकठ्ठा थे
आज समय पर सब उपस्थित थे
नहीं तो हर कोई अपने- अपने काम में व्यस्त
त्यौहार के बहाने ही सब एकत्रित
सबने नए-नए कपडे पहने थे
पूजा हुई
मिठाई खिला शुभकामनाएं दी
गले मिले
पैर पडे
बडो का आशीर्वाद लिया गया
सबने साथ मिलकर दीया जलाया
द्वार पर कुछ पटाखे फोडे
इसके बाद सब व्यस्त
सब अपने अपने कमरे में
जो हाॅल में थे
वे भी मोबाइल पर व्यस्त
लोगों से संपन्न था घर
बाहर तो पटाखो की आवाज रह रह कर
अंदर घर में पूरी शांतता
संबंध तो है पर संपर्क का अभाव
फोटो डाल दी जाती है
लाइक और कंमेट मिलता है
उसी से खुश
मोबाइल से नजर हटती नहीं
अंजाने लोगों के कारण जाने - पहचाने लोग फीके
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