आज पता चला कि
आजादी 1947 में नहीं 2014में मिली है
हमारे जैसे लोग जो साठ के दशक के है वह क्या समझे
सैतालिस वाले की बात तो छोड़ ही दे
कभी ऐसा नहीं लगा
हम गुलाम है
हमने हमेंशा आजादी का जश्न मनाया
पन्द्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी तो हमारे दिल में रहते हैं
राष्ट्र गान और देशभक्ति पूर्ण गाने सुन सुनकर हम बडे हुए
हमें सब कुछ मिला जो एक नागरिक को मिलना चाहिए
वह फिर चाहे शिक्षा हो या काम काज
हमें कभी दूसरे देश जाने का ख्याल भी नहीं आया
अपने देश और अपने लोग के साथ पूरी आजादी से
आज भी मनोज कुमार की फिल्में भाती है
मेरे देश की धरती सोना उगले
भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ
ऐ मेरे वतन के लोगों
सुनते मन नहीं भरता
गांधी ,नेहरू ,लाल बहादुर शास्त्री, वल्लभ भाई पटेल
मौलाना आजाद जैसे नेता
भगतसिंह और आजाद जैसे क्रांति कारी
सुभाष और सावरकर
इनको कैसे भुला दे
हर घर
हर परिवार
का योगदान रहा है
अंग्रेजों ने गांधी को भीख के कटोरे में आजादी दी
यह कहते शर्म नहीं आती
भीख में नहीं मिली
1857 से संग्राम छिडा था
रानी लक्ष्मीबाई से शुरू हुआ वह सत्याग्रह तक पहुँचा
अंग्रेज भागे दुम दबाकर
रानडे, गोखले ,दादा भाई नौरोजी
उनकी ही बैरिस्टरी पढ उनको ही सिखाई
स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
वह तो मिलना ही चाहिए
लोकमान्य तिलक की यह बात हर भारतीय तक पहुंची
भारतीयों ने यह हासिल किया
हमें इस पर गर्व होना चाहिए
हम आजाद है आजाद भारत में रहते हैं
प्रजातंत्र है
चुन कर जनता द्वारा सरकार आती है
शिकायत सरकार से हो तो हटा दो
हक और अधिकार मिला है न
आज जो यह अभिनेत्री बोल रही है वह गुलाम भारत में नहीं स्वतंत्र भारत में बोल रही है
जो हमको 1947 में मिली थी
हमारा गणतंत्र हमारा देश हमारे लोग
सब पर हमें गर्व है
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