हम तो वहीं है
जरा भी नहीं बदले
जस का तस
जैसे थे वैसे ही
अलबत्ता तुम जरूर बदल गए
अब वह पहले जैसा रौब नहीं रहा
वह क्रोध भी अंगार जैसा नहीं रहा
वह मनमानी भी नहीं रही
बस हम ही सही
वह भावना नहीं रही
समझौता तो तुम्हारी डिक्शनरी में नहीं था
वह भी अब थोड़ा थोड़ा दिखता है
क्या यह मजबूरी है
क्या उम्र का तकाजा है
जो भी है अच्छा ही है
देर आए दुरुस्त आए
इस तुम्हारी हठधर्मिता ने
कितना कुछ बिगाड़ दिया है
क्या कुछ नहीं झेलना पडा है
कितना मन मारना पडा है
यह तुम कैसे समझोगे
आज भी एक बात तो है तुममें
मैं गलत हो ही नहीं सकता
ईगो हावी है फिर भी
जो बदला वह भी कुछ कम नहीं
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