Monday, 13 December 2021

तू ही विश्वकर्मा

हम तो है मिट्टी
तू तो हैं कुम्हार
यह तो तेरे हाथ में
तू हमें कैसे गढता है
कैसा आकार देता है
हमें साकार करता है
तू तो है  निराकार
सर्वशक्तिमान
तू जो चाहे कर सकता है
जीवन की नैया का तू खिवैया
तेरे हाथ में  पतवार
तू ही पालनहार
तू ही है हमारा कुम्हार
तू ही विश्वकर्मा

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