मौसम है सुहाना
फिर भी दिल है विराना
सुनहली सुबह- शाम
वहाँ घने अंधेरे बदरा का क्या काम
यह तो क्षण भर के हैं
आज नहीं तो कल हट जाएंगे
शमा बदल जाएंगी
कोई नहीं रहता यहाँ हमेशा
आज नहीं तो कल
हर एक को हैं जाना
जब तक सांस है
तब तक आस
हंस लो ,गा लो
झूम लो ,नाच लो
खुशियाँ मना हो
क्या पता कल हो न हो ।
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