Tuesday, 7 December 2021

का बरषा जब कृषि सुखाने

बहुत देर कर दी मेहरबां आते आते
ऐसा ही होता है कभी-कभी
किसी किसी के साथ
वह हम हो तुम हो या और कोई
समय से उचित वक्त पर काम हो
उसका मजा कुछ और है
सुनते हैं
अरे फलाने को इतने सालों बाद बच्चा हुआ
फलाने की इतनी उम्र में शादी हुई
फलाने को अभी अपने घर का सुख मिला है
ऐसी न जाने कितनी बातें
जीवन में होती रहती है
चलो अच्छा हुआ
कभी तो हुआ
देर आए दुरुस्त आए

वह पीडा जो उस फलाने ने झेलती है
वह दंश जो उसने सहा है
उसका तो कोई हिसाब नहीं
वह ताने और लोगों की बातें
वह समाज की नजरें
वह बांझ की उपाधि
वह किरायेदार होने के कारण मकान मालिक का खौफ
वह ब्याह न होने के कारण लोगों का बातें बनाना

यह सब तो जिसने झेला है
वही जानता है
काम समय से हो तो अच्छा है
भूख लगी हो तभी खाने का स्वाद
अन्यथा खाना भी बेस्वाद हो जाता है
सही है न
का बरषा जब कृषि सुखाने।

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