Monday, 20 December 2021

यह भी एक सबक

पैसे - पैसे जोड़ कर
एक बडी रकम इकठ्ठा की
सोने का एक गहना लेना था
वह मेरा कब से सपना था
टैक्सी का किराया बचेगा इसलिए बस में सवार हुई
उतरने पर दुकान पहुँची तो अंदर वाला पर्स नदारद था
बडे वाले की चेन थोड़ी सी खुली थी । किसी ने मौका देख हाथ साफ कर लिया था ।
दुकान से उठ घर पर आ गई
मन खिन्न और दुखी था
सोचा पैसे बचाने के चक्कर में बस से गई
इससे तो टैक्सी से जाती
पर ऐसा होता कहाँ है
चोरी हो जाए या ठग लिए जाएं
तब भी हम पैसे बचाना तो नहीं छोड़ते
यह नहीं सोचते कि क्या फायदा
ऐश करो और उडाओ
बचा कर क्या करना है चोरी ही होना है तब
हाँ सतर्क जरूर हो जाते हैं
यह एक सबक है आने वाले कल के लिए।

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