Tuesday, 4 January 2022

कायदे से जी तो ले

तुम कितने भी बडे बन जाओ
कितने भी महान हो जाओ
दिन रात काम में लगे रहो
संपत्ति अर्जित कर लो
नाम और पद हासिल कर लो
शरीर यह सब नहीं देखता
तुम उसका कैसे ख्याल रखते हो
कैसा अनुशासित जीवन जीते हो
आराम करते हो या नहीं
नींद लेते हो या नहीं
बातचीत करते हो या नहीं
हंसते मुस्कराते हो या नहीं
व्यायाम करते हो नहीं
यह सब तुम्हारी दिनचर्या करती है
शरीर के प्रति भी कर्म और धर्म बनता है
जीना हमारे हाथ में है
वह किस तरह जीए
यह भी हमारे हाथ में
मृत्यु अनिश्चित है
वह तो कभी भी आ सकती है
तब उसका सोच क्यों??
तब जब तक जीना है
कायदे से जी तो ले ।

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