हम हर भंवर से निकले हैं
हमने हर झंझावात का सामना किया है
हमने कडकती बिजलियों को सहा है
हमने भूकंप के धक्के खाएं हैं
हमने सावन भी देखा है भादों भी देखा है
वसंत भी देखा है पतझड़ भी देखा है
सूखा भी देखा है हरियाली भी देखा है
बंजर भी देखा है उपजाऊ भी देखा है
झमा झम बरसात भी देखी है
लू से भरी तपती गर्मी भी देखी है
मौसम का हर मिजाज देखा है
तपते सूर्य को और चंद्रमा की शीतलता को अनुभव किया है
हर का रूप अलग
हर का रंग अलग
सभी को साथ साथ लेकर चलते देखा है
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