बदलता रहता है
त्रृतु परिवर्तन तो प्रकृति का धर्म है
इंसान भी यही करता है
वह भी बदलता है
समय अनुसार
परिस्थितियों के कारण
बदलाव तो अवश्य भावी है
हमेशा दिन एक सा नहीं रहता
इसमें कुछ नया नहीं है
जो समय और साथ जीया है
वह याद कर लो
कुछ बातों से
कुछ घटनाओं से
अपने आप ही मुस्कान आ जाएंगी
शिकायत नहीं
वह पहले जैसा नहीं रहा
वैसी बात नहीं रही
कोई बात नहीं
वह लम्हा तो साथ है
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