चाय केवल चाय नहीं होती
वह एक साथ होती है
एक साथ हो तो
और साथी जुड़ जाते हैं
बैठक जम जाती है
चुस्कियां ले लेकर
बातें शुरू हो जाती है
कुछ अपनी कही
कुछ दूसरों की सुनी
देश विदेश की खबर
राजनीति पर चर्चा
सब रंग जमाती है
केवल पकौडा और समोसा ही नहीं
बातें भी चाय में रंग भर देती है
ताजगी तो देती ही है
मन को भी आह्लादित करती है
न जाने कितने को जोड़ती है
पास लाती है
अपना बनाती है
बाजार हो या बस अड्डा
चाय हर जगह अपना प्रभाव दिखाती है
मिठास भरती है
रिश्तों को संभालती है
कम और किफायत में
बडे बडे काम कर जाती है
चाय केवल चाय नहीं होती
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