Tuesday, 18 June 2024

हम कहाँ ठगा गए

तैरने गए थे समुंदर में 
तैर भी रहे थे 
बखूबी हाथ - पैर भी मार रहे थे
लहरों का सामना कर आगे भी बढ़ रहे थे
भंवर में भी फंस गए एकाध बार 
उसमें से भी निकाल लिया सुरक्षित 
अब तो बस एक ही था लक्ष्य 
किनारा और वहाँ पहुँचे भी
पर यह क्या हो गया 
पहुंचे तो सही 
किनारे पर ही सबसे बड़ा बवाल 
अब खड़े किनारे पर 
देखते हैं उन लहरों को 
उन भंवरों को 
शायद इस किनारे से वह ज्यादा रास आ रहा था 

बच गए भंवर से 
पर किनारे पर आकर ही मर गए 
सोचते ही रह गए 
हम कहाँ ठगे गए 

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