Monday, 3 February 2025

प्रेम के नाम पर

प्रेम से सब कुछ पाया जा सकता है
यहाँ हमने तो प्रेम को हारते देखा है
प्रेम को मजबूर देखा है
प्रेम को सिसकते देखा है 
प्रेम को मरते देखा है
प्रेम में पाना नहीं बल्कि खोना ही प्रेम है
ऐसा लगता है 
प्रेम न हो तो कोई परवाह नहीं
प्रेम में बंधक बन जाना पड़ता है
परीक्षा देनी पड़ती है 
अपने को साबित करना पड़ता है 
विश्वास दिलाना पड़ता है
प्रेम के नाम पर अपने अस्तित्व को खत्म करना पड़ता है 
यह कैसा प्रेम 
काहे का प्रेम 
जहाँ उसके नाम पर खोना ही खोना
पाना कुछ नहीं 

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