तुम ही शिव हो
तुम ही सुंदर हो
मत हारो स्वयं से
जो हो जैसे हो
वैसे ही रहना है
भोलापन स्वभाव तुम्हारा
इसे किसी कीमत पर न खोना है
अमृत नहीं विष भी पीना होगा
तुम्हें भी शिव बनना होगा
अपनी शक्ति पहचानो
समय - समय पर तीसरा नेत्र भी खोलो
विषधर से क्या डरना
उसको तो साथ ले चलो
गंगा सी शीतलता धारण करो
सूर्य नहीं चंद्रमा से भी प्यार करो
महानता का चक्कर छोड़ो
हर जीव की महत्ता को समझो
मेहनतकश लोगों से प्यार करो
नंदी का भी सम्मान करो
ऊपरी दिखावों पर न जाओ
ब्रांडेड चीजों के पीछे मत भागो
सरलता और सादगी को अपनाओ
महल न सही पर्वत घर बनाओ
भोले के साथ शक्तिमान भी रहो
जहाँ अपमान हो वहाँ जाना नहीं
सम्मान से विष भी गरल कर लो
शिव तुम बन सकते हो
शिव जैसा हो जाओ
शिव ही सत्य है
शिव ही आधार है
शिव ही निर्माण है
शिव ही संहार है
निर्माण और संहार की शक्ति जिसके पास
वो तो हमारे भोलेनाथ हैं
मान सहित विष पिय के शंभु भले जगदीश
बिना मान अमृत पीए राहु कटायो शीश
देवो के देव महादेव
संसार की भलाई के लिए विष पीने वाले
नीलकंठ महादेव
तांडव नृत्य करने वाले
अर्धनारीश्वर
गौरा के पति
गौरीशंकर
परिवार के साथ कैलाश पर वास करने वाले
कैलाशपति
शिव तो शिव ही है
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