Tuesday, 25 March 2025

हमारा भी अधिकार है

हमको एक खुला आसमान चाहिए 
हमें भी अपनी उड़ान चाहिए 
हम नहीं चाहते हमारे पंखों को कतरा जाए 
जिम्मेदारियों के नाम पर हमें घर पर बैठाया जाए 
हम तो जिम्मेदार हैं ही 
तभी तो घर - परिवार चलता है 
उससे कहाँ भाग कर जाएंगे 
लेकिन हमारे सपनों का क्या 
हमारी काबिलियत का क्या
उसे केवल घर की चहारदीवारी में कैद कर रखना 
यह तो सरासर अन्याय है 
अधिकार तो हमें भी है 
अपनी मर्जी से जीने का 
जीने दीजिए ना 
हम अगर खुश तो पूरा परिवार खुशहाल 

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