Wednesday, 16 July 2014

अब फ़िक्र को धुए में नहीं उड़ा सकते !!!

पान , गुठखा , पान - मसाला , सिगरेट , इत्यादि चीज़ें महँगी कर जेटली ने सराहनीय काम किया है। 
हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाने और बर्बादी का जशन मनाने की जगह ज़िन्दगी का डट कर सामना करने की जरूरत है।  न जाने कितने घर और परिवार को यह नशीले पदार्थ बर्बाद कर देते है। खाना नहीं लेकिन तंबाकू खाने का पैसा कहाँ से आता है। फेफड़ो को जलाने वाला सिगरेट स्वयं को तथा दुसरो को भी हानि पहुँचाता है। 

स्त्री - पुरुष दोनों ही नशे की शिकार है। मौत के घाट सुलाने वाले इन पदार्थो पर ज्यादा कर लगा कर मोदी सरकार ने इसे रोकने की दिशा में पहला कदम रखा है। इसे रोकने के लिए अन्य प्रस्ताव भी लाने चाहिए। 


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