जीने का सही ज्ञान साहित्य ,ग्रंथ और उपन्यास से मिलता है इसलिए आप उससे प्रेम करिए यह कलाम साहब का कहना था
महाराष्ट्र सरकार ने १५ अक्टूबर उनके जन्म दिवस को वाचन प्रेरणा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है
आज पढने में रूची कम हो रही है
बच्चो को सब रेडीमेड चाहिए
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कलाम साहब वैसे तो साइंटिस्ट थे लेकिन साहित्य में भी उनकी रूची थी
उन्होंने पुस्तकें भी लिखी है
वे पुराण ,कुरान महाभारत और बाइबल आदि महान ग्रंथों को पढ उसका सार बच्चो को ,अभिभावकों और शिक्षकों को अपने भाषण में बोलते रहते थे
ज्ञान और जिग्यासा की कोई मर्यादा नहीं होती
उन्होंने सभी महान धर्मों के महान ग्रंथों का अध्यन किया
डॉ कलाम के अनुसार हर दिन कुछ न कुछ पढना चाहिए
एक सर्वेक्षण के अनुसार ७६ प्रतिशत युवा पीढी सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते हैं
वाचन संस्कृति .कम होती जा रही है पहले कहते थे कि ग्रंथ हमारे गुरू हैं पढने से जीवन समृद्ध होता है
डॉ कलाम का कहना था कि पाठशाला में छात्रों के लिए सैकडो प्रकार की पुस्तकें रहनी चाहिए
दिन में कम से कम दो घंटे जाकर वहॉ समय व्यतीत करनी चाहिए
पुस्तकों को देखना और पढना चाहिए
अगर उनकी बात पर अमल किया जाय तो बच्चे तो ज्ञानवंत बनेगे ही
सही अर्थो में उनको भी आदराजंली होगी
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 15 October 2015
कलाम साहब को सही अर्थों में आदराजंली
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment