Thursday, 24 December 2015

आखिर कार जुवेनाइल जस्टिस बिल पास हो गया पर समस्या का पूर्ण हल ?

जुवेनाइल बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास हो गया
अच्छी बात है यह होना ही था
१८साल से १६साल को सजा का प्रावधान किया गया
सभी लोगों का दवाब था
मीडिया का निर्भया के माता पिता का और समाज का
पर अभी बिल पास होने से यह सवाल पूरी तरह से हल नहीं हुआ है
१२और१५साल के बच्चे भी ऐसा अपराध कर रहे है
अभी पिछले दिनों ऐसी घटनाएँ हो चुकी है
इसमें दोषी माता पिता भी है और समाज भी
क्यों नहीं लडको की भी हर हरकत पर मॉ बाप को भी नजर रखनी चाहिए
पाठशालाओ में नैतिकता की शिक्षा देनी चाहिए
पहले पडोस या मुहल्ले की लडकी को कोई ऑख उठा कर नहीं देखता था
गॉव की बेटी या बहन सारे गॉव की इज्जत होती थी
आज आलम यह है कि अपने घर या मुहल्ले में ही कोई सुरक्षित नहीं है
यहॉ तक कि पाठशाला में भी
शिक्षक तक पर भी विश्वास नहीं किया जा सकता
कई ऐसी शर्मसार घटनाएँ हो चुकी है
फिर जाए तो जाए कहॉ
पहले तो डाकुओं के पास भी नैतिकता होती थी
और यह जितनी घटनाएँ हो रही है उसमें ज्यादा तर कम पढेलिखो का है
बस ड्राइवर,कंडक्टर ,सुरक्षा गार्ड ,नौकर ,सुतार ,या घरेलू काम करनेवाला वर्ग
कैसे बचा जाय
इसकी शुरूवात तो अपने ही घर से हर माता पिता को करनी चाहिए
सरकार को और दुसरी सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए
साधु महात्माओ को भी पर अब तो उन पर भी विश्वास नहीं किया जा सकता
पर समाज में अच्छाई भी है तभी तो यह चल रहा है
हर अच्छे लोगों को और तबकों को आगे बढकर इस सुधार की दिशा में प्रयास करना चाहिए
कानून बना ठीक है पर समस्या ज्यों की त्यो है
जब तक मानसिकता नहीं बदली जाएगी अकेले कानून कुछ नहीं कर सकता

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