Saturday, 11 June 2016

सूर्य को भी उगने का इंतजार करना पडता है - उन्नति रातो- रात नहीं मिलती

आपाधापी के युग में हर कोई एक- दूसरे से आगे निकलने की होड में
बडा घर  ,मोटर ,सारी सुख- सुविधाएं आनन- फानन में
न मिलने पर निराशा ,आत्महत्या या
अपराध ,कत्ल और मार- काट
अंजाम जेल की काल कोठरी
कभी न कभी तो पकडा जाना है
नेता हो या अभिनेता या फिर आम इंसान
इच्छाएं आसमान से भी ऊँची
वक्त और मेहनत लगती है हर चीज प्राप्त करने में
नई पीढी का जुनून किसी भी तरह गर्त के रास्ते पर ही ले जाएगा
संसार में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता
सूरज को भी रात खत्म होने का इंतजार करना पडता है
पूर्व दिशा में उगने पर धीरे-धीरे आगे बढता है और आकाश मंडल पर छा जाता है
उन्नति और तरक्की शार्टकट नहीं होती
यह वह पौधा है जिसे पनपने और बढने में सालों लग जाते हैं तब कहीं जाकर फल प्राप्त होता है
रहीम जी का कहना
माली सींचे सौ घडा त्रृतु आए फल होय
फल और परिणाम में समय लगता है

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