आज मच्छर मारने की गैस छोड़ने वाला आया
धुआँ -धुआँ कर जा रहा
अपने बचपन मे हम इसके साथ भागते
पंतग कटती तो उसके पीछे भागते
मां मारने को दौडा़ती तो घर के चारो ओर गोल घूम कर दौड़ते
किसी के घर मेहमान आया तो उसके साथ हो लेते
किसी को बुलाना हो या संदेश देना हो
बनिए की दूकान से सामान लाना हो
दूध -दही लाना हो
पड़ोसी का पान लाना हो
किसी के बच्चे को बुलाना हो
दौड़ते रहते थे , भागते रहते थे
पकडा -पकड़ी तो रोज ही
आज वह दौड़ दिखती नहीं
तब दौड़ते थे
आज भी दौड़ रहे है
शायद उसी वजह से दौड़ने का जज्बा है
जिंदगी तो दौडा़ती ही रहती है
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Friday, 8 June 2018
जब हम भागते थे
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