जीवन एक कोरा कागज
यह तो ऐसे ही मिला है
इसमें चित्र हमें रेखना है
रेखांकित आकृति मे रंग भी हमें ही भरना है
मनभावन रंग से उसे आकर्षक बनाना है
जैसा रंग चाहिए वैसा रंग
जो नहीं पसंद उसे हटा दे
या उस पर दूसरा रंग बिखेर उसका रूप ही बदल दे
फिर वह रंग प्यार का हो या घृणा का
उसे सुंदर बनाना है
या बदसूरत
कलाकृति हमारी
कलाकार भी हम
जो चाहिए जैसा चाहिए
वह आकार दे
निर्णय लेने में स्वतंत्रता है
मन से बनाए या बेमन से
यह हम पर निर्भर है
क्यों नहीं इसमे अपना सारा प्रयत्न डाल दे
अपनी सामर्थ्य का लोहा मनवाए
रंग भी हमारा रंगकार भी हम
बस रंगमंच पर कौशल दिखाना है
रंगीन बनाना है
बेरंग नहीं
और छटा बिखेरना है
देखकर लोगों के मुख से
बस .वाह . .. कहलवाना है ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Saturday, 17 November 2018
रंगों भरा जीवन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment