Thursday, 15 November 2018

पापा का प्यार

जिस सोती हुई बेटी का मासूम चेहरा देख
पापा के.ओठो पर हंसी आ जाय
जो आँफिस मे पहुंचने के पहले ही फोन कर दे
पहुंचे या नहीं
शाम को आते वक्त कुछ लाने की फरमाइश
जिसके फोटों से मोबाईल गैलरी भरी हो
और गर्व से दोस्तों को दिखाये
यह है मेरी बेटी
रास्ते चलते समय दूकान के शो केश मे सुंदर फ्राक मे सजी मे अपनी गुडिया दिखाई दे
बार्बी डाँल से अपनी गुड़िया के लिए कमरा भर दे
सांझ को घर आकर जिसका हंसता मुख देख
सब थकान उत्तर जाती हो
पीठ दर्द हो रही हो
अपने नन्हे पैरों से चलती
तो गुदगुदे पैर से सारा दर्द रफूचक्कर
जिसे कहानी सुनाता और सुलाता
उसके भविष्य मे  स्वयं को देख सो जाता
अपने कंधों पर उठा घूमाता
उसका जीवन ही उसके आगे -पीछे घूमता हो
यह तो पापा ही हो सकते हैं
पापा ही तो बेटी का आधार
पापा का प्यार तो अनमोल
यह ईश्वर का तोहफा है
जो उस बेटी को सीने से लगाकर रखता है
जो उसे छोडकर जाएगी
और यह एहसास कितना मुश्किल होता होगा
एक पापा के लिए
जन्मदाता कोई धरोहर किसी और की
पर फिर भी पापा तो पापा है
बेटी का पहला प्यार
वह उनके लिए सबसे खूबसूरत
और प्यारी राजदुलारी है
दूनिया बदल सकती है
पर पापा नहीं

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