यह क्या हुआ
कैसे हुआ
कब हुआ
रात तक खबर कुछ
सुबह कुछ
अखबार कुछ और कह रहाहै
टेलीविजन कुछ और कह रहा है
रातोरात परिवर्तन
यह तो वैसे ही हुआ
जैस राम का राज्याभिषेक होने वाला था
घोषणा हो गई थी
सुबह वन गमन करना पडा
राम ने सत्ता छोड़ी थी
यहाँ सारा खेल सत्ता के लिए
राजनीति में सब जायज है
कुछ भी हो सकता है
तब इससे ज्यादा और क्या होगा
किसने धोखा दिया
किसने पीठ में छुरा घोंपा
यह तो बाद की बात
देवेन्द्र को गद्दी पर आसीन कर दिया गया है
सब अवाक ,अचंभित
राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी पवार साहब भी भांप नहीं पाए
क्योंकि विभिषण तो घर का ही है
वह हुआ जो सोचा ही नहीं
अमित शाह ,पवार साहब से आगे निकल गए
अब पवार साहब क्या करेंगे
चुप तो बैठने वालों में से नहीं
अगर सच में उन्हें कुछ पता नहीं
यहाँ तो ठगी शिवसेना गई है
कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पडने वाला
वह तो बहती गंगा में हाथ धोने वाली थी
फर्क पवार साहब और उद्धव साहब को पडा है
अब कौन कैसे अपनी साख बचाएगा
यह तो राजनीति ही जानेंगी
पिक्चर अभी बाकी है
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Saturday, 23 November 2019
पिक्चर अभी बाकी है महाराष्ट्र का
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