Sunday, 6 December 2020

उडने दो इन परिंदो को

उडने दो इन परिंदो को
करने दो मनमानी
जितनी भी ऊँची उडान भरना चाहे भरने दो
मत डालो
इनके पैरों में
कर्तव्य की
प्यार की
ममता की बेडियाँ
जीना इनका अधिकार है
उस अधिकार पर हावी होने का प्रयास मत करो
अपनी इच्छा नुसार करने दो
कभी ऊपर कभी नीचे कभी बीच में
यह तो होता ही रहेंगा
पंखों को मत कतरे

अपनी आशा आंकाक्षा उन पर मत लादे
माना तुमने जन्म दिया है
पालन पोषण किया है
इसका यह मतलब तो नहीं
कि उसका जीवन गिरवी रख दिया
अंजाने में ही सही
अपना गुलाम बना दिया
जो तुमने किया
वह कर्तव्य था तुम्हारा
अपनी खुशी के लिए किया
अपना घर गुलजार होने के लिए किया
कोई एहसान नहीं किया
तब एहसास भी नहीं दिलाना है
हमने तुम्हारे लिए इतना किया
और तुम हो कि ' '' ''

सब बच्चों को पालते हैं
पशु-पक्षियों से सीखो
वह भी दाना ला चोंच में डालती है
अपने बच्चे के लिए मुर्गी , चील से लड जाती है
वही जब ये बडे हो जाते हैं तब छोड़ देते हैं
कोई अपेक्षा नहीं

कोई कर्ज नहीं है कि
वह सूद समेत अदा करें
इसीलिए जन्म दिया कि
मेरे बुढापे की लाठी बनें
सहारा बनें
मेरी इच्छानुसार चले
तब तो यह निरा स्वार्थ हुआ

अपेक्षा सदा दुख ही देता है
आपने अपना कर्म किया
वह उसका धर्म है
वह करें या न करें
करें तब भी ठीक
नहीं तब भी ठीक
कोई मलाल नहीं पालना है
किसी पर भार नहीं बने
अपनी लाठी अपना सहारा स्वयं बनना है
अपने लिए भी सोचना है
भविष्य को तो बडा करना है
साथ में अपना भविष्य भी सुनिश्चित करना है

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