Sunday, 31 January 2021

दर्द की अदा

दर्द दिल में हो
देह में हो
दर्द तो दर्द ही होता है
हमेशा दुखदायी ही होता है
कोई नहीं चाहता
यह पास आए
तब भी यह आ ही जाता है
चोरी चोरी चुपके चुपके
इसकी भी अपनी एक अदा है
यह वार करता है
अपनी गिरफ्त में ले लेता है
फिर धीरे-धीरे अपना सा बन जाता है
साथ ही रह जाता है
और कोई फर्क नहीं पड़ता
जीने की आदत बन जाती है
सहने की आदत बन जाती है
तब दर्द दर्द नहीं रहता
जीवन का हिस्सा बन जाता है

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