अब मुझे कौन दुलराएगा
अब कौन लाड करेंगा
अब किससे जिद करूंगी
अब किससे फरमाइश करूंगी
किसका इंतजार करूंगी
आपने तो मुझे समय से पहले ही बडा बना दिया
समझदार बना दिया
अब तो माँ को भी सहारा देना है
उनसे अपने ऑसू और जज्बात छिपाए रखना है
उन्होंने तो अपना सर्वस्व खोया है
बडी और महान बातें करना आसान है
जिंदगी गुजारना मुश्किल
पिता का हाथ सर पर
पिता की छत्रछाया में रहना
कितना सुकून देता है
आप देश पर शहीद
मैं शहीद की बेटी
यह भी कुछ दिन बाद भूला दिया जाएंगा
पापा आप कभी नहीं फिर आएंगे
बस यादों में रह जाएंगा
आपको हम कैसे भूल पाएंगे
तब भी गर्व ही रहेगा
भारतमाता के ऐसे सपूत की बेटी हूँ मैं
मृत्यु तो आनी ही है
जिसका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएं
आदर और सम्मान के साथ
इससे ज्यादा क्या चाहिए
तब भी पापा आपको इतनी जल्दी नहीं जाना चाहिए था
इस तरह नहीं
सैनिक की बेटी हूँ
मजबूत कलेजा रखती हूँ
पर इसमें एक मासूम सा दिल भी है
उसे कौन सहलाएगा
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