दोस्त यह हर किसी की जिंदगी में बहुत मायने रखता है
यह खून का रिश्ता तो नहीं होता पर हमेशा साथ रहनेवाला खूबसूरत रिश्ता है
यह अपनी मर्जी से चुना हुआ है जिस पर किसी प्रकार का बंधन नहीं
दोस्ती में कुछ भी आडे नहीं आता
न उम्र ,पैसा ,ओहदा ,जात ,धर्म कुछ भी नहीं
यह सलोसाल लंबा चलने वाला सिलसिला है
बचपन से ही इसकी शुरूवात हो जाती है
हमेशा किसी न किसी साथी की जरूरत रहती है
आप जो बात अपने घर के सदस्यों से नहीं कर सकते वह अपने दोस्त से कर सकता है
क्योंकि हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है
पर दोस्ती सबसे परे है
आज तो इंटरनेट ने दोस्ती को और विशाल कर दिया है
दुनियॉ के किसी भी कोने में हम दोस्त बना सकते हैं
बचपन की दोस्ती ,कॉलेज की दोस्ती ,पडोसी और दफ्तर के सहकर्मियों की दोस्ती
ऐसे न जाने कितने रूप में दोस्ती है जो हमारे जीवन को आसान बना देती है
खुशी के पलों में हम साथ में हँसते हैं तो दुख के पलों में उसके सामने रोते भी है
क्रोध में अपने मन का गुस्सा भी निकाल देते हैं
दोस्ती एक ऐसी ताकत है जिसके सहारे हम जीवन में न जाने कितने तूफानों का मुकाबला कर पाते है
इसलिए दोस्ती को सहेज कर रखना चाहिए
सच्चा दोस्त मिलना बहुत मुश्किल है
मुसीबत में साथ खडा रहने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त है ,जीवन के इस सफर में कहने को तो बहुत दोस्त मिल जाएगे
पर एक अच्छा और सच्चा
आप दोस्त के साथ अपना सुख- दुख ,परेशानी ,व्यक्तिगत बॉतें बॉट सकते हैं
मौज - मस्ती कर सकते हैं
दोस्त कभी अकेलापन महसूस नहीं होने देता
कृष्णा और सुदामा के बीच अमीरी - गरीबी आडे नहीं आई
धर्म और प्रॉत आडे नहीं आता
दोस्ती तो बस दोस्ती होती है और इस खूबसूरत रिश्ते को संभालकर रखना चाहिए
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