सरकार विधेयक लाने जा रही है बैंक मे रखे पैसे पर
अब तो आपका पैसा बैंक में भी सुरक्षित नहीं
उस पर ऑख लगी है
नोटबंदी और जी एस टी के बाद इस तरह की मार
जिंदगी भर , पेट काट कर , रूपए बैंक में रखे
अपने सुरक्षित भविष्य के लिए
बैंक दिवालिया हो गया तो पैसे डूब जाएगे
वह किसी दूसरी जगह भी पैसों का उपयोग कर सकता है यानि आप जब चाहेगे तब आपके पैसे नहीं मिलेगे
उसका निवेश बैंक कहीं भी कर सकती है
यह तो सरासर अन्याय है
सेवानिवृत्त होने के बाद अपने पैसों को लोग बैंक में रखते हैं ताकि समय - समय पर उनकी जरूरत पूरी हो सके
गरीब और मध्यम वर्ग पर तो गाज गिर जाएगी
वह तो जीते - जी मर जाएगे
कहीं ऐसा तो नहीं कि
सूट - बूट की सरकार. सिद्ध करने में यह लगी है
शासक और शासन जनता के लिए होते है
नियम - कानून उसके लाभ और भलाई के लिए होते हैं
जनता को दुखी कर कोई भी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकता
विश्व का सबसे बडा जनतांत्रिक देश
इतनी बडी जनसंख्या
हर राष्ट्र लोहा मानता है हमारे प्रजातंत्र की
उसकी रीढ कहीं चरमरा न जाए
नेता यह याद रखे
आप जनता से हैं जनता आपसे नहीं
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