Monday, 3 September 2018

पापा ,बेटी हूँ आपकी

मेरे प्यारे पापा
मत करो मेरे ब्याह की चिंता
रात-दिन रहते हैं आप परेशान
मुझसे नहीं देखा जाता आपका यह हाल
दुनिया कहाँ से कहाँ जा रही
बेटियाँ उड़ान भर रही
आप फिर भी वहीं पर अटक रहे
मेरे ब्याह के लिए धन जोड रहे
अपना खून -पसीना बहा रहे
लालची लोगों की आस पूरी करने के लिए
पापा आप मुझे पढ़ाओ
बेटी को आत्मनिर्भर बनाओ
मुझे अपने पैरों पर खडा होना सिखाओ
आप किसी के पैरों पर मत गिरो
मुझे दया की भीख नहीं
अधिकार लेना है
और वह मैं लूंगी भी
बस मुझे व्यक्ति बनाइए
और आप बेहाल मत हो
मुझे छोड दे मेरे हाल पर
बस साथ रहे और दिला दे शिक्षा का अधिकार
अपना आशीर्वाद बनाए रखें
बेटी हूँ आपकी, चिंता नहीं

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