ईश्वर पर आस्था
यह व्यक्ति गत है
सबकी आस्था अपनी अपनी
कौन ,कैसे करेगा पूजा
यह उसका अपना नजरिया
अपना ढंग
हर एक के लिए उसका ईश्वर महान
इसमें कोई दो राय नहीं
पर मेरा तुम्हारे से बड़ा
मेरा पूजा अर्चना का यह तरीका
मेरा उपवास-व्रत ऐसा
यह तो सरासर गलत
आप अपने ईश्वर को महान बनाने में
किसी और को कम बताए
उसकी खिल्ली उड़ाए
उसके प्रसाद का अपमान करें
यह आपकी मानसिकता को दर्शाता है
हर धर्म हर ईश्वर
दया और प्रेम का संदेश देते हैं
हर जीव का अपना महत्व है
सभी को रहने का अधिकार है
अपनी तरह से
किसी को जब तक हानि न पहुंचे
स्वयं सम्मान से जीए
दूसरों को भी जीने दे
प्रेम दे और प्रेम ले
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