Friday, 7 December 2018

बहू का सम्मान

मेरे घर आई एक नन्ही परी
घर की लक्ष्मी , उजाला
जिसके आते ही घर प्रकाशयमान
मीठी - मीठी बोली
हँसती दंतपंक्ति
प्यारी सी मुस्कान
चेहरे पर आत्मविश्वास
सुंदर ,सुशील
मेरे जान से ज्यादा बेटे की प्यारी
पंरपराओं के साथ नये युग की भी मिसाल
हाथ का स्वाद तो लाजवाब
हर गुण को समेटे
कारपोरेट जगत के साथ घर भी
साडी हो या वेस्टर्न ड्रेस
सब मे अपने घुंघराले बालों के साथ फबती
अपना प्यार ऐसे ही बिखेरती रहो
अपनापन और आदर से मिलती रहो
मायका और ससुराल का नाम रोशन करती रहो
सब पर अपना प्यार ,आदर
बाटती रहो
मेरे घर ,परिवार की सुख - समृद्धि की धुरी
हमेशा खुश गवार रहो
ईश्वर का आशीर्वाद बना रहे
  

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