Friday, 14 December 2018

ता थैया ता थैया

संगीत की झंकार
मन की पुकार
जीवन की आवाज
सुनना है
झूमना है
लय ताल पर नाचना है
दाद देना है
हँसना मुस्कराना है
रोना गाना है
हर ताल पर वाह वाह
धुन को गुनगुनाना भी है
हर गाना हमारे मन का बजे
यह जरुरी तो नहीं
यह रेडियो है
यहाँ एडजस्ट करना पड़ता है
अलग अलग स्टेशन है
अपने मन मुताबिक घुमाना पडता है
कभी कभार तूफान के कारण खरखराहट भी होती है
कभी मौसम साथ नहीं देता
पर फिर भी किसी न किसी तरह बजना है
कभी तेज कभी धीमी
कभी खर खर तो कभी मधुर
कभी मनपसंद तो कभी ऊबाऊ
पर गाना तो गाना है
भावविभोर भी होना है
यह जीवनसंगीत है
गाना भी है
बजाना भी है
लय ताल पर थिरकना भी है
ता थैया ता थैया

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