Friday, 8 February 2019

नंगापन की परिभाषा

हमाम मे सभी नंगे होते हैं
नंगापन की परिभाषा
नंगा शरीर नहीं होता
नंगी  सोच होती है
शरीर अपमानित नहीं होता
उस दिन भरी सभा मे द्रौपदी को नग्न करने की कोशिश की गई थी
क्योंकि स्री का शरीर ही उसकी लज्जा होती है
पर उस दिन पांचाली का वस्त्र हरण नहीं हुआ था
हस्तिनापुर का हुआ था
जहाँ कि महारानी ही सुरक्षित न हो
पांच बलवान पतियों के होते हुए
पांडवों का हुआ था
पर करते भी क्या ??
दांव पर लगाया था धर्मराज ने
भीष्म और द्रोणाचार्य का हुआ था
धृतराष्ट्र तो अंधे ही थे
तन और मन दोनों से
बेटे के मोह ने जकड़ रखा था
जब किसी नारी के साथ दुर्व्यवहार होता है
तो वह नहीं समाज जिम्मेदार है
उसे लज्जित होना चाहिए
लेकिन समाज औरत को लज्जित करता है
उसे अलग निगाहों से देखता है
उसका जीना मुहाल कर डालता है
उसका मजाक बना डालता है
उसे आत्महत्या करने को मजबूर कर डालता है
यहाँ तक कि उसके परिवार को
उनको छिपाना पड़ता है
सह लेते हैं
अत्याचार बर्दाश्त कर लिया जाता है
पर मुंह नहीं खोलते हैं
यही विडंबना है कि
औरत मजबूर हो जाती है
अन्याय के खिलाफ खड़ी नहीं हो पाती ।

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