मसालों मे भी सीख
गरम मसाले बहुत से मसालों को मिलाकर
हर मसाले का अपना गुणधर्म
हर मसाले की अपनी तासीर
सबका स्वाद भी भिन्न भिन्न
आकार और रचना मे फर्क
कोई छोटा कोई मोटा
कोई गोल कोई चपटा
कोई कड़वा कोई कसैला कोई ठंडा कोई पाचक
यह गरम क्यों
समझ नहीं आया
शायद शरीर को एनर्जी देता है
खाने का जायका बदल देता है
भोजन स्वादिष्ट बना देता है
सब मसाले का अपना अलग अलग असतित्व
समूह मे मिल जाता है
अपने को आत्मसात कर लेता है
तब अलग तो नहीं
पर सबके साथ मिलकर जायकेदार
यानि वह मिलनसार भी है
जब अकेले की जरूरत तब अकेले ही काफी
जब सबके साथ तो सबके साथ
चाय हो या गरम पानी
दाल हो या सब्जी
शाकाहार हो या मांसाहार
हर खाने को टेस्टी
बीमारी हारी मे भी
शादी ब्याह मे भी
सर्दी खांसी मे भी
सौंदर्य की बात हो
दर्द पीड़ा हो
सदियों से मनुष्य के इर्दगिर्द
तभी तो है हर मसाला खास
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