Tuesday, 11 June 2019

आला रे आला। मुंबई मधे पण पाऊस आला

आला रे आला
आमचा मुंबई मधे पण पाऊस आला
झमझमा झमझम
पाणी बरसे थम थम
झमझम झमझम
धो धो बरसा
सब धो डाला
मौसम हुआ सुहाना
गर्मी का पारा हुआ शांत
कारे कारे बादल आए
बिजली भी चमकी घन घन
सब कुछ जैसे क्षण भर ठहर गया

पर यह तो आमची मुंबई
रुकना इसकी फितरत नहीं
फिर दौड़ लगाने लगी
अपनी तेज रफ्तार में
यह न रूकती है
न ठहरती है
न घर में बंद होती है

बरखा रानी का तहे दिल से शुक्रिया
रहमत हुई हमारी मुंबई पर
खूब बरसो
झमझमा झमझम बरसो
नदी ,तालाब ,झरने सब भर जाओ
तुम्हारे बिना जीवन कहाँ
जल बिन तडपते लोगों पर
अपनी कृपा बरसाओ
सब है तुम्हारे सहारे
सबकी आस है तुमसे
उन्हें निराश मत करना
इस बार मुंबई की झीलों को लबालब भर जाना

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