बच्चे मर रहे हैं
सरकार क्या कर रही है
केन्द्र और राज्य सरकार मौन
माता पिता असहाय
अपने नौनिहालो को मरते देख रहे
सुशासन पुरुष का शासन मूक दर्शक
अस्पताल और डॉक्टर की संख्या कम
एक एक बेड पर दो से चार बच्चे
आयुष्मान योजना कहाँ है
हर साल यह होता है
फिर कुछ समय बाद सब भूल जाते हैं
गरीबी ,कुपोषण ,अस्वच्छता
गरमी ,बारिश न होना
न जाने कितने कारण
इसको दूर करने के लिए उपाय क्या
सिस्टम लाचार हैं
तभी तो नियति पर छोड़ दे रही है
चमकी बुखार से हारी हुई सरकार
जनता के बच्चों को तिल तिल कर मरने को मजबूर कर दिया है
आज तक सरकार क्या कर रही थी
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी
या सालो से चला आ रहा यह सिलसिला थमेगा
इस पर एहतियाती कदम उठाए जाएँगे
बच्चे गरीबों के है
और यही तबका तो सबसे अच्छा वोटर है
संवेदनशील बने सरकार ।
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