Sunday, 9 June 2019

ठोकर तो लगना है

ठोकर लगी पैर में मोच आ गई
यह तो कुछ समय बाद ठीक हो जाएगी
मालिश होगी
पेनकिलर खा लेंगे
शरीर पर ठोकर लगना कोई बडी बात नहीं
उस बडे शरीर के अंदर एक छोटा सा मन भी है
बहुत नाजुक होता है
उसको जब ठोकर लगती है
तब वह सह नहीं पाता
टूट जाता है
संवरने में वक्त लग जाता है
मजबूत होता नहीं
मजबूत बनाना पडता है
संसार में जीना है
तब ठोकर को बर्दाश्त करना होगा
गिरना और उठना होगा
स्वयं संभलना होगा
गिराने और ठोकर देने को लोग तत्पर रहेंगे
जीना है तो अमृत के साथ जहर का घूंट भी पीना होगा

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