Thursday, 4 July 2019

जिंदगी जटिल पहेली

जिंदगी चाल चलती है
उसके चाल को समझना सबके बस की बात नहीं
कभी ऊपर उठाती है
कभी धडाम से नीचे पटक देती है
तब तक हम समझे
क्या हुआ
तब तक हमें बहुत कुछ समझा जाती है
कभी रूलाती है
कभी हंसाती है
कभी दुलराती है
कभी इतराती है
कभी सर चढकर बोलती है

बहुत कुछ सिखाती है
बहुत कुछ कह जाती है
यह कहने को तो छोटी
पर कभी-कभी बहुत लंबी हो जाती है
यह वह जटिल पहेली है
जिसे समझने की कोशिश में
जीवन बीत जाता है
तब भी वह समझ नहीं आती

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